अध्यापिका पप्पू से: तुम इतने परेशान क्यों हो? पप्पू ने कोई जवाब नहीं दिया। अध्यापिका: क्या हुआ, क्या तुम अपना पेन भूल आये हो? पप्पू फिर च...
अध्यापिका पप्पू से: तुम इतने परेशान क्यों हो?
पप्पू ने कोई जवाब नहीं दिया।
अध्यापिका: क्या हुआ, क्या तुम अपना पेन भूल आये हो?
पप्पू फिर चुप।
अध्यापिका ने फिर से
सवाल किया: रोल नंबर भूल गए हो?
पप्पू इस बार भी चुप।
अध्यापिका फिर से: हुआ क्या है, कुछ तो बताओ क्या भूल गए?
पप्पू गुस्से से: ओये! चुप कर मेरी माँ, यहाँ मैं नक़ल करने की पर्ची गलत ले आया हूँ और तुझे पेन-पेंसिल और रोल नंबर की पड़ी हुई है !
अध्यापिका बेहोश !!
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बहुत जबरजस्त है जरूर पढ़ना
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ये कहानी इक ऐसे व्यक्ति की है जो एक फ्रीजर प्लांट में काम करता था ।
वह दिन का अंतिम समय था व् सभी घर जाने को तैयार थे तभी प्लांट में एक तकनीकी समस्या उत्पन्न हो गयी और वह उसे दूर करने में जुट गया ।
जब तक वह कार्य पूरा करता तब तक अत्यधिक देर हो गयी । दरवाजे सील हो चुके थे व् लाईटें बुझा दी गईं । बिना हवा व् प्रकाश के पूरी रात आइस प्लांट में फसें रहने
के कारण उसकी बर्फीली कब्रगाह बनना तय था ।
घण्टे बीत गए तभी उसने किसी को दरवाजा खोलते पाया ।...
क्या यह इक चमत्कार था ?
सिक्यूरिटी गार्ड टोर्च लिए खड़ा था व् उसने उसे बाहर निकलने में मदद की। वापस आते समय उस व्यक्ति ने सेक्युर्टी गार्ड से पूछा "आपको कैसे पता चला कि मै भीतर हूँ ?" गार्ड ने उत्तर दिया " सर, इस प्लांट में 50 लोग कार्य करते हैँ पर सिर्फ एक आप हैँ जो सुबह मुझे हैलो व् शाम को जाते समय बाय कहते हैँ ।
आज सुबह आप ड्यूटी पर आये थे पर शाम को आप बाहर नही गए । इससे मुझे शंका हुई और मैं देखने चला आया ।
वह व्यक्ति नही जानता था कि उसका किसी को छोटा सा सम्मान देना कभी उसका जीवन बचाएगा ।
याद रखेँ, जब भी आप किसी से मिलते हैं तो उसका गर्मजोश मुस्कुराहट के साथ सम्मान करें । हमें नहीं पता पर हो सकता है कि ये आपके जीवन में भी चमत्कार दिखा दे ।